Select Page

भयभीत न हों अष्टम चंद्र से ——-

भयभीत न हों अष्टम चंद्र से ——- अष्टम चंद्र यानि जन्म कुंडली में आठवें भाव में स्थित चंद्र। आठवां भाव यानि छिद्र भाव, मृत्यु स्थान, क्लेश विघ्नादि का भाव। अतः आठवें भाव में स्थित चंद्र को लगभग सभी ज्योतिष ग्रंथों में अशुभ माना गया है और वह भी जीवन के लिए अशुभ। जैसे कि...

चंद्रमा दोष के लक्षण:

चंद्रमा दोष के लक्षण:=^=^=^=^=^=^=^=जुखाम, पेट की बीमारियों से परेशानी, मन की परेशानियां (mental stress)घर में असमय पशुओं की मत्यु की आशंकाअकारण शत्रुओं का बढ़ना, धन का हानि उपाय: 👉भगवान शिव की आराधना करें ।👉ऊं नम शिवाय मंत्र का रूद्राक्ष की माला से 11 माला जाप...

ससुराल मे कोई तकलीफ

ससुराल मे कोई तकलीफ 🌷 👩🏻 किसी सुहागन को ससुराल में कोई तकलीफ हो तो शुक्ल पक्ष की तृतीया को उपवास रखे…उपवास माने एक बार बिना नमक का भोजन कर के उपवास रखे..भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी नही खाए, दूध रोटी खा लें..शुक्ल पक्ष की तृतीया को..अमावस्या से पूनम तक की शुक्ल पक्ष...

बृहस्पति अतिचारी

बृहस्पति अतिचारी: तेज गति से चलने वाला गुरु अतिचारी बृहस्पति का अर्थ है बृहस्पति का किसी राशि में सामान्य से अधिक तेजी से घूमना, अपने पारगमन को सामान्य से अधिक तेजी से पूरा करना। जब बृहस्पति तेज गति से चलता है, तो इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में तेजी से और तीव्रता से...

भगवान शिव की पूजा कर ग्रहों को ठीक करें

भगवान शिव की पूजा कर ग्रहों को ठीक करें सभी यहाँ का दोष दूर होता है महादेव की पूजा से…… ग्रंथों में ये व्याख्या है सभी देवों में भगवान शिव की पूजा को सबसे आसान बताया गया है। भक्तजन मात्र एक लोटा शुद्ध जल से शिवलिंग की पूजा करके ही इन्हें प्रसन्न कर सकते हैं इनका...

काली–सहस्रनाम स्तोत्रं

काली–सहस्रनाम स्तोत्रं कालिका सहस्रनाम का पाठ करने की अनेक गुप्त विधियाँ हैं, जो विभिन्न कामनाओं के अनुसार पृथक पृथक हैं और गुरु-परम्परा प्राप्त हैं । इस चमत्कारी एवं स्वयंसिद्ध कालीका सहस्त्रनाम का पाठ सिर्फ रात्रि मे ही करना अनुकुल माना जाता है। क्युके रात्रि मे...