Select Page

मंत्र जाप जानें क्या है सही तरीका अगर मंत्रों का जाप करते समय भगवान के समक्ष बैठकर हम विधिपूर्वक जाप नहीं करते हैं तो उससे मंत्रों का प्रभाव कम हो जाता है। भगवान की पूजा करते समय हम सभी धूप-आरती तो करते ही हैं साथ ही मंत्रों का जाप भी करते हैं। जिस तरह हम भगवान के दर्शन करते समय अपना सिर उनके सामने झुकाते हैं ठीक उसी तरह हमें मंत्रों का जाप करते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर मंत्रों का जाप करते समय भगवान के समक्ष बैठकर हम विधिपूर्वक जाप नहीं करते हैं तो उससे मंत्रों का प्रभाव कम हो जाता है। ऐसे में आपको जाप करना हो तो निम्न ढंग से कर सकते हैं। इस तरह करें मंत्रों का जाप: सबसे पहले आपको जमीन पर शुद्ध ऊनी आसन बिछाना होगा। फिर पद्मासन या सुखासन कर बैठें। कमर को न झुकाएं और चेहरे को सीधा रखें। माला को इस्तेमाल करने से पहले उसे शुद्ध जल से धोएं और तिलक जरूर लगाएं। जाप करने के लिए एक निश्चित संख्या होनी आवश्यक है। माला का जाप करते समय आपको अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ रखना चाहिए। माला को दाएं हाथ में रखना होगा। उंगलियों को अंगूठे के पोर से फेरना शुरू करें। माला पर नाखून से स्पर्श न करें। प्लास्टिक की माला का इस्तेमाल न करें। जब आप माला फेरे और मंत्रों का जाप करें तो इधर-उधर न देखें। माला को पकड़ते समय उसे नाभि से नीचे न रखें और माला नाक के ऊपर नहीं जानी चाहिए। माला को सीने से 4 अंगुल दूर रखें। जब आप जाप कर रहे हों तो आंखें भगवान के सामने रखें। आप आंखें मूंद भी सकते हैं। जाप करते समय माला के ऊपर जो भाग होता है उसे क्रॉस नहीं किया जाना चाहिए। जैले बी आप सुमेरु तक पहुंचे तो तुरंत वापस आ जाएं। ध्यान रहे कि जाप करते समय माला नीचे न गिरे। जाप खत्म होने के बाद माला को आसन पर या डिब्बी में रखें। बिना संकल्प किए मंत्र का जाप करने से किसी को कोई फल नहीं मिलता है।