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Gulik गुलिक

यदि गुलिक लग्न में है तो जातक/जातिका क्रूर किंतु भीरु स्वभाव, चोर, विनय रहित, इकहरा बदन (रुग्यता को छोड़कर), नेत्र विकार, अल्प संतति, अल्प बुद्धि, अल्पायु, वेद शास्त्र विरुद्ध, क्रोधी व मूर्ख होता है। – यदि गुलिक दूसरे भाव में है तो कलही, धन धान्य की कमी रहे,...

ज्योतिष के 9 उपग्रह परिचय एवं फल

ज्योतिष के 9 उपग्रह परिचय एवं फल भारतीय वैदिक ज्योतिष के ग्रंथो में मुख्य रूप से नव उपग्रहों का वर्णन मिलता है। ग्रहो का ग्रह ही उपग्रह कहलाता है। जिस प्रकार ग्रह जिस भाव में होता है अपने सामर्थ्यानुसार उस भाव से सम्बंधित फल देता है उसी प्रकार उपग्रह भी जन्मकुंडली के...

प्रश्र-विचार

प्रश्र-विचारजिस समय किसी भी कार्य के लाभालाभ, शुभाशुभ जानने की इच्छा हो उस समय का लग्न निकाल कर प्रश्र कुण्डली बना लेनी चाहिए, साथ ही ग्रह स्पष्ट, भाव स्पष्ट, नवमांश कुण्डली तथा चलित कुण्डली बनाकर शुभाशुभ विचार करना चाहिए।ग्रहावस्थाप्रश्र कुण्डली में ग्रहों की अवस्था...

प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत===^^^==== प्रदोष व्रत में भगवान शिव की उपासना की जाती है. यह व्रत हिंदू धर्म के सबसे शुभ व महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है. हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13 वें दिन (त्रयोदशी) पर रखा जाता है. माना जाता है कि प्रदोष के दिन भगवान शिव...

व्यक्ति के चरित्र और स्वभाव पर वारो एवं जन्मतिथि का प्रभाव

व्यक्ति के चरित्र और स्वभाव पर वारो एवं जन्मतिथि का प्रभाव वारो का जातक के स्वभाव पर प्रभाव सप्ताह में कुल सात दिन या सात वार होते है। हम सभी लोगों का जन्म इन सातों वारों में से किसी एक वार को हुआ है। ज्योतिषशास्त्र कहता हैं, वार का हमारे व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव...