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मकर संक्रांति ============= मकर संक्रांति को प्रातः उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे के जल में कुंकुम , अक्षत , तिल तथा लाल रंग के फूल डालकर अध्र्य दें। अध्र्य देते समय ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जप जरुर करते रहें। इस प्रकार सूर्य को अध्र्य देने से मन की सभी इच्छाएँ अवश्य ही पूर्ण हो जाती है । 🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 www.astroshaliini.com मकर संक्रांति के दिन दान करने का विशेष महत्व है। हमारे शास्त्रों के अनुसार इस दिन किए गए दान का सहस्त्रों गुना पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी और तिल आदि का दान विशेष रूप से फलदायी माना गया है। www.astroshaliini.com इस दिन तिल के दान से आपकी कुंडली के कई दोष दूर होते है , विशेष रूप से कालसर्प योग, शनि की साढ़ेसाती और ढय्या, राहु-केतु के दोष दूर हो जाते हैं। इस दिन तिल के लड्डुओं के साथ हरे मूंग और चावल की खिचड़ी का दान करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। मकर संक्रांति के दिन तिल का अधिक से अधिक प्रयोग करें । पितरो की शांति हेतु जल युक्त जल से उनका तर्पण करें, आरोग्य, सुख एवं समृद्धि के लिये तिल का प्रयोग, तिल के जल से स्नान, तिल का दान, तिल का भोजन करें । इस दिन स्नान से पूर्व तिल के तेल से मालिश करने, तिल का उबटन लगाने से समस्त पाप नष्ट होते है। www.astroshaliini.com इस दिन गरीबों को यथा सम्भव भोजन करवाने से उस घर में कभी भी अन्न धन की कमी नहीं रहती है। शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन खिचड़ी, तिल-गुड़ और पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाने से भी भगवान सूर्यदेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। www.astroshaliini.com मकर संक्रांति के दिन साफ लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर किसी जरूरतमंद अथवा ब्राह्मण को दान देने से भी व्यक्ति की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चूँकि तांबा सूर्य की धातु है अत: मकर संक्रांति के दिन तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करने से कुंडली में स्थित सूर्य के दोष कम होते है। www.astroshaliini.com तिल युक्त जल पितरों को देना,अग्नि में तिल से हवन करना, तिल खाना खिलाना एवं दान करने से अनन्त पुण्य की प्राप्ति होती है। www.astroshaliini.com मकर संक्रांति के दिन पितरों के लिए तर्पण करने का विधान है। इस दिन भगवान सूर्य को जल देने के पश्चात अपने पितरों को भी उनका स्मरण करते हुए तिलयुक्त जल देने से पितर प्रसन्न होते है एवं जातक पर उसके पितरों का सदैव शुभाशीष बना रहता है। इसी दिन राजा भागीरथी ने अपने पूर्वजों का तर्पण कर उनकी आत्माओं को तृप्त किया था । इस दिन पितरों के निमित किये गए तर्पण से पितर बहुत प्रसन्न होते है। उनके आशीर्वाद से जीवन में कोई भी संकट नहीं रहता है, हर तरह के सुखों की प्राप्ति होती है । www.astroshaliini.com मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठें। फिर अपने सामने चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उसके ऊपर सूर्यदेव का चित्र, प्रतिमा या सूर्य यंत्र स्थापित करें। इसके बाद सूर्यदेव का पंचोपचार पूजन करें और भगवान सूर्य देव को गुड़ का भोग लगाएँ। पूजन में लाल फूल का उपयोग अवश्य करें। इसके बाद लाल चंदन की माला से नीचे लिखे किसी भी मंत्र का कम से कम 5 माला जप अवश्य करें। मंत्र – ऊँ भास्कराय नम: ।। ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।। www.astroshaliini.com 🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 भगवान सूर्य कि सदैव कृपा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को अवश्य ही किया जाना चाहिए। ऐसा करने से यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य दोष है तो उसका प्रभाव भी कम होता है और शुभ फलों कि अवश्य ही प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों के अनुसार प्रायश्चित करने के लिए भी यह दिन अति उत्तम है। मकर संक्रांति के दिन भगवान शंकर के सामने हाथों में काले तिल और गंगाजल लेकर संकल्प करें और अपनी गलतियों की क्षमा याचना करें। निश्चित रूप से भगवान गलतियों को क्षमा करेंगे और मनवांछित फल की प्राप्ति होगी। www.astroshaliini.com मकर संक्रांति के दिन गौ माता को तिल मिली हुई खिचड़ी खिलाने से शनि ग्रह और सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। गौ माता को इस दिन खिचड़ी के साथ जो भी वस्तु खिलाई जाती है। उस ग्रह से संबंधित पीड़ा अवश्य ही कम होती है। इसलिए हर जातक को दान के साथ गाय को खिचड़ी अवश्य ही खिलानी चाहिए । www.astroshaliini.com 🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞 WhatsApp me 9910057645 www.instagram.com/astroshaliini www.twitter.com/astroshaliini www.facebook.com/astroshaliini