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गृह में प्रतिमा की संख्या -घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य प्रतिमा, तीन देवी प्रतिमा, दो गोमती चक्र, दो शालग्राम की पूजा नहीं करनी चाहिये। ऐसा करनेसे गृह स्वामी को दु:ख तथा अशान्ति की प्राप्ति होती है। शंखं चक्र शिला लिंग विघ्न सूर्य द्वयं तथा।शक्ति त्रयं न चैकत्र पूजयेहुख कारणम्।। नारद पु. 67/120गहे लिंगद्वयं नाच्च्यं शालग्राम त्रयं तथा।द्वे चक्रे द्वारकायास्तु नाच्च्यं सूर्यद्वयं तथा।गणेशत्रितयं नाच्च्यं शक्तित्रितयमेव च।।वाराह पु. 286/40-41आठ पुष्प सभी को चढ़ाएंअहिंसा, इन्द्रियजय, दया, शान्ति, शम, तप, ध्यान और सत्य से अष्ट पुष्प सभी देवताओं को प्रिय हैं।अहिंसा प्रथमं पुष्पं पुष्पमिन्द्रिय निग्रहः सर्वपुष्पं दयाभूते पुष्पं शान्ति विशिष्यते शमः पुष्पं तपः ध्यानंपुष्पं च सप्तमम्। सत्यं चैवाष्टमं पुष्पमेतैष्तुष्यति- केशवः।। अग्नि पु. 202/18दीपक कहाँ रखें -घृत का दीपक देवता के दाहिने भाग में रखना चाहिये।घृतदीपो दक्षिणे स्यात तैल दीपस्तु वामतः।। (मंत्रमहो. 22/119)दीपक की दिशादेवता के निमित्त तथा द्विज के घर में दीपक का मुख पूर्व या उत्तर करनाचाहिये। पितरों के निमित्त दीपक दक्षिण मुख रखना चाहिये। प्रांङ्मुखोदङमुखं दीपं देवागारे द्विजालये। कुर्याद् याम्यमुखं पैत्रेयेअद्भिः संकलय सुस्थिरम्।। (निर्णय सिन्धु)

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