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कुम्भ विवाह यह विधान इतना आसान नहीं होता इसके लिए सबसे पहले एक योग्य ज्ञानी कर्म कांड ज्ञाता पंडित की तलाश करनी होती है जो इसका पूर्ण विधान जानता हो जो बहुत मुश्किल से मिलते है अतः लोग प्रायः कुम्भ विवाह न करके पेड़ पौधे से विवाह कर इस दोष से बचने का उपाय कर लेते है लेकिन वास्तव मे यह कुम्भ विवाह नहीं होता है। कुम्भ का अर्थ होता है कलश या घड़ा अतः कलश या घड़ा लेकर उसमे शुद्ध जल या गंगा जल भर कर वरुण देवता का आवाहन किया जाता है फिर उसके ऊपर भगवान शालिग्राम या सोने की नारायण की मूर्ति स्थापित कर उसमे भगवान नारायण का आवाहन कर प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। इसे साक्षात् नारायण मान कर कुवारी कन्या जिसके लिए यह विधान किया जा रहा है वो यह भाव लाती है की उसका विवाह नारायण से हो रहा है। इस भाव के साथ पंडित सर्व प्रथम कन्या से गौरी गणेश और नवग्रह पूजन कराता है। फिर कन्या का पिता अपने गौत्र का उच्चारण कर सामान्य विवाह की तरह भगवान नारायण को बेटी का वर मान कर उसका कन्या दान अग्नि को साक्षी मानकर भगवान नारायण को कर देता है। फिर वो कन्या उस कलश को नारायण रूपी वर मान कर उसे हाथ मे लेकर अग्नि के 4 फेरे लेती है। ये चार फेरे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के प्रतीक होते है। इस प्रकार कुम्भ विवाह विधि विधान के साथ संपन्न होता है। कुम्भ विवाह कब किया जाता है :- जैसे सामान्य विवाह मे कन्या की कुण्डली के अनुसार शुभ मुहूर्त का निर्धारण किया जाता है उसी प्रकार कुम्भ विवाह के मुहूर्त का भी निर्धारण किया जाता है। यह विवाह सूर्योदय से सूर्यास्त के मध्य संपन्न किया जाता है क्योंकि यह काल भगवान नारायण का माना गया है। कुम्भ विवाह क्यों कराया जाता है :- यदि कन्या की कुण्डली मे वैधव्य योग हो, बहु विवाह योग हो, मंगल योग हो या कन्या की कुण्डली मे लग्न मे शनि विराजमान हो या गुरु सप्तम भाव मे किसी पापी ग्रह के साथ उपस्थित हो, विष कन्या योग हो या श्राप दोष की वजह से विवाह मे दिक्कत आ रही हो तो ऐसी कन्या का कुम्भ विवाह कराया जा सकता है। जब पहला विवाह नारायण से हो गया तो उन दोषों का निवारण नारायण स्वयं करेंगे यह भाव रखा जाता है। नोट :- कुम्भ विवाह सिर्फ कन्याओ का होता है और ऐसी मान्यता है की कुम्भ विवाह के बाद कन्या का विवाह शीघ्र अति शीघ्र हो जाता है और योग्य वर की प्राप्ति होती है। परन्तु याद रहे विवाह के बाद कुम्भ विवाह के विधान को करने का कोई लाभ नहीं होता है।