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*मूंगा रत्न पहनने से कारोबार या नौकरी में तरक्की मिलने की है मान्यता, जानिए किसे करता है ये सूट  इटली का मूंगा अत्तिउत्तम*

 

Moonga Stone Benefits: मूंगा मंगल का रत्न है जो शक्ति, बल, साहस व ऊर्जा के स्वामी हैं। यह रत्न राजनीति, नेतृत्व, ज्योतिष, आध्यात्म, प्रशासन, सेना, पुलिस, मेडिकल क्षेत्र, तेल, गैस, प्रॉपर्टी, ईंटभट्टे के कार्य इत्यादि कारोबार का कारक है।

मूंगा को सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में बनवाकर धारण किया जा सकता है।

 

ज्योतिषशास्त्र में मूंगा रत्न मंगल ग्रह से संबंधित बताया गया है। यदि कुंडली में मंगल दूषित हो या कमजोर हो तो ऐसे में मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। मूंगा लाल, सिंदूरी, गेरुआ, सफेद तथा काले रंग का होता है। मूंगा रत्न धारण करने से मंगल मजबूत होता है जिससे इस ग्रह के शुभ प्रभावों में वृद्धि होने लगती है। दिल के रोगों के लिए भी मूंगा लाभकारी माना गया है। इस रत्न को अंग्रेजी में कोरल कहते हैं।

मूंगा रत्न के लाभ: यह मंगल का रत्न है जो शक्ति, बल, साहस व ऊर्जा के स्वामी हैं। यह रत्न राजनीति, नेतृत्व, ज्योतिष, आध्यात्म, प्रशासन, सेना, पुलिस, मेडिकल क्षेत्र, तेल, गैस, प्रॉपर्टी, ईंटभट्टे के कार्य इत्यादि कारोबार का कारक है।

 

कौन धारण कर सकता है मूंगा: यदि जातक की कुंडली में मंगल अष्टम में नीच राशि का या शत्रु राशि का हो, या फिर मंगल शनि से इष्ट हो, शनि के साथ हो तो मूंगा धारण करना सही नहीं रहता है। सामान्यत: मेष व वृश्चिक राशियां जिनके स्वामी स्वयं मंगल होते हैं इन राशि के जातकों को मूंगा धारण करने की सलाह दी जाती है। लेकिन फिर भी इस रत्न को धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषाचार्य की सलाह जरूर ले लें।

असली नकली मूंगे की पहचान: मूंगा रत्न काफी चिकना होता है। इस पर पानी नहीं ठहरता इसलिये असली मूंगे की पहचान करने के लिए उस पर पानी की कुछ बूंदे डालें यदि पानी इस पर ठहरता है तो समझिये यह नकली है यदि पानी नहीं ठहरता तो मूंगा सही हो सकता है। दूसरा तरीका ये भी आजमाया जा सकता है कि मैग्निफाइंग ग्लास से मूंगे का अवलोकन करें, ध्यान से देखने पर उसमें बिल्कुल बाल के जितनी सफेद-सफेद रेखाएं सी दिखाई देंगी। यदि रेखाएं न दिखें तो समझ लें कि मूंगा नकली है।

मूंगा कैसे करें धारण: मूंगा को सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में बनवाकर धारण किया जा सकता है। अंगूठी को सबसे पहले कच्चे दूध और गंगाजल से धो लें और मंगलवार के दिन प्रातःकाल से लेकर दोपहर तक किसी भी समय में आप इसे दाएं हाथ की अनामिक उंगली में धारण करें। धारण करने के बाद क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः मंत्र का जप करते रहें। स्त्रियां बाएं हाथ की अनामिका उंगली में मूंगा धारण करें।